उत्तराखंड

बिहार की जेल में बंद सुबोध ने देहरादून में कराई 20 करोड़ की डकैती, दो गिरफ्तार, क्या-क्या खुलासे

बिहार की जेल में बंद सुबोध ने देहरादून में कराई 20 करोड़ की डकैती, दो गिरफ्तार, क्या-क्या खुलासे

देहरादून पुलिस ने दोनों आरोपियों के फोटो सार्वजनिक कर दोनों पर दो-दो लाख रुपए का इनाम घोषित

देहरादून : रिलायंस ज्वैलरी की डकैती में दो आरोपी बिहार से गिरफ्तार, हरियाणा की जेलों में बंद गैंग के दो बदमाशों ने उगले चौंकाने वाले राज़..

“घटना के दौरान पोर्टेबल जैमर साथ रखता है गैंग, फर्जी आईडी पर सिम, ओएलएक्स से खरीदते हैं पुराने वाहन, फंडिंग से लेकर वारदात तक जेल से कंट्रोल कर रहा सरगना

देहरादून में राजपुर रोड पर रिलायंस के ज्वैलरी स्टोर में करोड़ों की डकैती के मामले में दून पुलिस ने बिहार से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। पता चला है कि डकैती जेल में बंद सुबोध गैंग कराई।देहरादून में राजपुर रोड पर रिलायंस के ज्वैलरी स्टोर में करोड़ों की डकैती के मामले में दून पुलिस ने बिहार से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। उन पर षड्यंत्र में शामिल होने, बदमाशों को फंडिंग और जरूरी चीजें उपलब्ध कराने का आरोप है।

पुलिस ने बिहार स्थित गैंग के हाइड आउट कंट्रोल रूम पर भी छापा मारा। यहां से घटना में शामिल अभियुक्तों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने बिहार से दो संदिग्ध अमृत और विशाल कुमार को गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ में दून की घटना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।

पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने बदमाशों को फंडिंग के साथ ही मोबाइल, हथियार आदि मुहैया कराए। दोनों वारदात के दिन बदमाशों के संपर्क में थे। एसएसपी ने बताया कि पुलिस की अलग-अलग टीमें मध्यप्रदेश और बिहार में ताबड़तोड़ दबिश दे रहीं हैं।

बिहार के वैशाली में पुलिस को आरोपियों के ऑपरेशन सीक्रेट हाइड आउट हाउस की जानकारी मिली थी। इसे गैंग की ओर से हाइड आउट कंट्रोल रूम के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। गैंग द्वारा देहरादून में डकैती के लिए आए बदमाशों को यहीं से कंट्रोल किया जा रहा था। किसी भी घटना से पहले बदमाश यहीं एकत्रित होते थे।

सुबोध गैंग की करतूत : दून में राजपुर रोड स्थित रिलायंस कंपनी के ज्वैलरी शोरूम में सुबोध गैंग ने डाका डाला था। इसका सरगना सुबोध बिहार की जेल से गैंग चला रहा था। बिहार में दबिश के दौरान पकड़े गए दो संदिग्धों से पूछताछ में पुलिस को अहम जानकारी हाथ लगी। देहरादून के एसएसपी अजय सिंह बताया कि दून में हुई डकैती के तार विभिन्न शहरों में हुई लूट डकैती के आरोपियों से जुड़े हैं।

उन्होंने बताया कि कटनी, लातूर, सांगली में इसी तरह वारदात की जांच में पता चला कि देहरादून में शातिराना तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया। एक संदिग्ध पवन ने पूछताछ में बताया कि सुबोध गैंग के सक्रिय लोगों ने ही दून में डकैती की। सुबोध जेल के अंदर से गैंग चला रहा था, साथ ही यहीं से आरोपियों के खातों में रकम डाली जाती थी। इन आरोपियों के खातों में ट्रांजेक्शन पाया गया। दून में डकैती से ‘बदमाश हरिद्वार में रुके थे। एसएसपी ने बताया कि जांच में पता चला कि आरोपी कपड़े खरीदने नजीबाबाद गए थे। नजीबाबाद पुलिस को इसके साक्ष्य मिले हैं।

पोर्टेबल सिग्नल जैमर का किया इस्तेमाल

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि लूट डकैती के दौरान पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल करते थे, ताकि मौके पर सेंसर ट्रिगर नहीं हो सके और न ही कोई फोन कॉल कर सके। मध्यप्रदेश के कटनी और पश्चिम बंगाल के सांगली की वारदात में बदमाशों ने ऐसा ही किया था। इसके अलावा आरोपी वर्चुअल फोन का इस्तेमाल करते थे, ताकि उन लोकेशन ट्रेस नहीं की जा सके।

फर्जी आईडी से सिम कार्ड और ऑनलाइन खरीदते थे वाहन

इस गैंग के बदमाश किसी भी वारदात में या तो चोरी के वाहनों का इस्तेमाल करते थे या फिर ओएलएक्स से वाहन खरीदते थे। दून की डकैती में बदमाशों ने चोरी के वाहनों का इस्तेमाल किया। जबकि लातूर और कटनी में बदमाशों ने ओएलएक्स से फर्जी आईडी पर वाहन खरीद लिए थे। वारदात के दौरान बदमाश पश्चिम बंगाल और बिहार की फर्जी आईडी वाले सिम प्रयोग करते थे, जिन्हें डकैती के बाद नष्ट कर दिया जाता था।

दून में डकैती के बाद सीएम ने अपनाया था सख्त रुख

पिछले दिनों राज्य स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के दून आगमन के दौरान शोरूम में दिनदहाड़े डकैती पड़ी थी। राष्ट्रपति की रवानगी के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे प्रकरण में पुलिस के अफसरों से कड़ी नाराजगी जताई थी। डीजीपी और एसएसपी को तलब भी कर लिया था. उन्होंने साफ कहा था कि इसकी जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने पुलिस को जल्द खुलासे के निर्देश दिए थे। उधर, कांग्रेस समेत तमाम संगठनों ने इस मामले में कानून व्यवस्था पर कई सवाल उठाए थे।

राजधानी देहरादून में 9 नवंबर को रिलायंस ज्वैलर्स शोरूम में हुई करोड़ों रुपए की लूट के मामले में पुलिस ने दो अपराधियों की पहचान की! दोनों आरोपियों की पहचान प्रिंस और विक्रम के रूप में हुई है जो मूल रूप से वैशाली बिहार के रहने वाले हैं!

दोनों आरोपियों की पहचान के बाद पुलिस बाकी अपराधियों की भी पहचान में जुटी है जबकि सभी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिशें भी दी जा रही है। धनतेरस से एक दिन पहले देहरादून के रिलायंस ज्वैलर्स में हुई डकैती की घटना में शामिल दो शातिर अभियुक्तों को देहरादून पुलिस ने चिन्हित कर लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि दोनों अभियुक्तों पर दो-दो लाख रुपए का ईनाम घोषित किया गया है।

कप्तान ने बताया कि देहरादून में हुई रिलाइंस ज्वैलरी शोरूम में हुई घटना में देहरादून पुलिस द्वारा दो अभियुक्तों प्रिंस कुमार पुत्र शिवनाथ सिंह, निवासी ग्राम पानापुर दिलावरपुर, थाना बिद्दूपुर जिला वैशाली बिहार तथा विक्रम कुशवाहा पुत्र राम प्रवेश सिंह निवासी ग्राम पानापुर , दिलावरपुर जिला वैशाली, बिहार को चिन्हित किया गया है। दोनों वांछित एक ही गांव के है।प्रत्येक अभियुक्त पर दो लाख रुपए का ईनाम घोषित किया गया है ।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि दोनों अभियुक्तों के विरूद्ध विभिन्न राज्यों में हत्या, डकैती, अपहरण तथा अन्य सगींन अपराधों के कई अभियोग पंजीकृत है। दोनों अभियुक्त जून 2023 में सागंली महाराष्ट्र में रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में हुई डकैती की घटना में भी वांछित चल रहे हैं। बताया कि गैंग लीडर सुबोध से लातूर में हुई पूछताछ से पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली। घटना से पूर्व गैंग के सदस्यों को एक-दूसरे के नाम व घटना में उनके रोल के अतिरिक्त कोई अन्य जानकारी नहीं दी जा सकती।

घटना करने से पूर्व गैंग द्वारा योजनाबद्ध तरीके से भागने के मार्गो पर 40 से 50 किलो मीटर की दूरी पर अलग-अलग वाहनों को खड़ा किया जाता है। यह गैंग घटना करने के बाद लूटी गई ज्वेलरी को नेपाल में 70 फीसदी कीमत में बेच देता है।

देहरादून में रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में हुई लूट की घटना में विभिन्न टीमें गैर प्रान्तों में अभियुक्तों की धर पकड हेतु निरन्तर प्रयासरत हैं। उक्त घटना में अब तक पुलिस द्वारा 02 अभियुक्तों प्रिंस कुमार पुत्र शिवनाथ सिंह, निवासी दिलावरपुर गोवर्धन, जिला बिदुपुर, बिहार तथा विक्रम कुशवाहा पुत्र राम प्रवेश सिंह निवासी दिलावर गोवर्धन, वैशाली जिला वैशाली, बिहार को चिन्हित किया गया है, जिनकी धरपकड हेतु पुलिस द्वारा बिहार व अन्य प्रान्तों में लगातार दबिशें दी जा रही हैं।

दोनो अभियुक्त बेहद शातिर किस्म के अपराधी हैं, जिनके विरूद्ध अन्य प्रान्तों में संगीन अपराधों के कई अभियोग पंजीकृत हैं। अभियुक्त प्रिंस के विरूद्ध जून 2020 में अपने साथियों के साथ मिलकर अपने गांव दिलावरपुर गोवर्धन की मुखिया पूनम देवी के पति लव कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या करने के संबंध में थाना बिदुपुर, जिला वैशाली में हत्या का अभियोग पंजीकृत है तथा अभियुक्त विक्रम कुशवाह पर थाना सदर हाजीपुर जिला वैशाली में हथियारों के दम पर सुबोध पासवान नाम के व्यक्ति का अपरहण करने तथा उसे बचाने आये ग्रामीणों पर गोली चलाकर जानलेवा हमला करने के संबंध में अभियोग पंजीकृत है। इसके अतिरिक्त उक्त दोनों अभियुक्त 14 जून 2023 को सांगली महाराष्ट्र में रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में हुई 14 करोड की लूट में भी सांगली से वांछित/ प्रकाश में आये है।

अभियुक्त प्रिंस के खिलाफ
01: मु0अ0सं0: 172/20 धारा: 302, 120 बी भादवि थाना: बिदुपुर, जिला वैशाली, बिहार
02: मु0अ0सं0: 181/20 धारा: 25(1-बी)/26/35 आर्म्स एक्ट तथा धारा 20/22/23/24/27/27ए/29 एनडीपीएस एक्ट थाना- बिदुपुर, जिला वैशाली, बिहार

03: मु0अ0सं- 424 /23 धाराः 395/398/170/171/427/323/504/506 भादवि0 3/25 आर्म्स एक्ट थाना विश्रामबाग, जिला सांगली, महाराष्ट्र में मुकदमे दर्ज हैं।
अभियुक्त विक्रम कुशवाहा का भी आपराधिक इतिहास है। उसके खिलाफ मु0अ0सं0: 29/19 धारा: 147/148/149/341/342/365/ 307/506 भादवि थाना सदर, जिला वैशाली, बिहार
2- मु0अ0सं- 424 /23 धाराः 395/398/170/171/427/323/504/506 भादवि0 3/25 आर्म्स एक्ट थाना विश्रामबाग, जिला सांगली, महाराष्ट्र में मुकदमें दर्ज है।

गैंग लीडर सुबोध कुमार की लातूर पुलिस द्वारा पुलिस कस्टडी रिमाण्ड ली गई थी, जिससे जानकारी प्राप्त करने हेतु एक टीम को लातूर रवाना किया गया था, उक्त टीम द्वारा अभियुक्त से पूछताछ में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई, जिसमें किसी घटना को करने से पूर्व अभियुक्तों द्वारा 40-50 किलो मीटर की दूरी पर अलग-अलग वाहनों को खडा किया जाता था तथा वाहन चालकों को केवल दो से तीन व्यक्तियों अथवा उनके द्वारा दिये गए सामान को अपने स्थान से दूसरे पूर्व निर्धारित स्थान तक छोडने मात्र की जानकारी दी जाती थी, इसके अतिरिक्त घटना में शामिल अभियुक्तों को भी एक दूसरे के नाम व घटना में उनके रोल के अलावा और कोई जानकारी नहीं दी जाती थी, जिससे घटना के दौरान किसी के पकडे जाने पर वह अन्य लोगों के सम्बन्ध में और कोई जानकारी न दे पाये। गैंग द्वारा लूट में बरामद माल को नेपाल में 70% कीमत में बेचकर उनसे नगद पैसे प्राप्त कर लिए जाते थे तथा घटना के कुछ संमय बाद मामला थोड़ा शांत होने पर पैसों को आपस मे बांट लिया जाता था।

सुबोध गैंग द्वारा पश्चिम बंगाल के रायगंज में रिलायंस शोरूम में करोड़ों रुपए मूल्य के आभूषणों,
बड़ानगर में मन्नापुरम गोल्ड में 11 करोड़ कीमत के सोने,
आसनसोल में मुथूट फाइनेंस में 14 करोड़ कीमत के सोने,महाराष्ट्र के सांगली में रिलायंस शोरूम में 14 करोड़ के आभूषण, नागपुर में मन्नापुरम गोल्ड में 15 करोड़ का सोना, मध्य प्रदेश के कटनी में मन्नापुरम गोल्ड से 08 करोड़ कीमत का सोना, राजस्थान में उदयपुर में मन्नापुरम गोल्ड से 12 करोड़ कीमत का सोना,भिवाड़ी में एक्सिस बैंक से 90 लाख कैश तथा 30 लाख का सोना लूटा था। अन्य प्रांतों में भी लूट व डकैती की घटनाओं का अंजाम दिया है।

हथियारबंद बदमाशों ने लूटा था रिलायंस शोरूम

बता दें कि नौ नवंबर को दून स्थित राजपुर रोड पर रिलायंस कंपनी का ज्वेलरी शोरूम खुलते ही उसमें चार बदमाश अंदर घुस आए थे। बदमाश यहां मौजूद कर्मचारियों को पिस्टलों के बल पर बंधक बनाकर अंदर से करीब 14 करोड़ रुपये से अधिक के गहने लूट ले गए थे। दून से पहले यमुनानगर में लूट का प्रयास किया था.

बीती आठ नवंबर को यमुनानगर के ज्वैलरी शॉप गैंग के ही पांच बदमाशों ने लूट की कोशिश की थी। लोगों की समझदारी से बदमाशों के मंसूबे पूरे नहीं हो सके और एक आरोपी पवन को हथियार सहित पकड़ पुलिस को सौंप दिया गया था। पवन गैंग का सदस्य हैं।

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