डॉ. D. C. पसबोला बने सर्टीफाइड होम्योपैथिक एवं बायोकेमिक हीलर
डॉ. D. C. पसबोला बने सर्टीफाइड होम्योपैथिक एवं बायोकेमिक हीलर
देहरादून: एकेडमी आफ एनसिएन्ट मैजिक एवं UDEMI, गुरूग्राम, हरियाणा द्वारा एक्रेडिटेड फाउंडेशन होम्योपैथी डिप्लोमा कोर्स जो कि आएओटीच (इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ थिरेपिस्टस) द्वारा मान्यता प्राप्त है, का तीन दिवसीय सर्टीफिकेशन प्रशिक्षण एवं दिबोराह केसी द्वारा बायोकेमिक मेडिसिन जो कि आईआईसीटी द्वारा मान्यता प्राप्त है का तीन दिवसीय सर्टीफिकेशन प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
डॉ० पसबोला ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि होम्योपैथी मेडिसिन की खोज क्रिस्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन एवं बायोकेमिक मेडिसिन की खोज विल्हेल्म हैनरिच शुसलर द्वारा की गयी थी।
होम्योपैथिक चिकित्सा एक ऐसी दवा को संदर्भित करती है जिसे “जैसे के साथ वैसा व्यवहार इलाज” के सिद्धांत पर उपयोग के लिए तैयार किया जाता है। इसका मतलब चिकित्सीय प्रणाली में उपयोग किया जाने वाला कोई भी पदार्थ है जिसमें किसी बीमारी का इलाज एक या अधिक पदार्थों की सूक्ष्म मात्रा के उपयोग से किया जाता है, जो अपने शुद्ध रूप में, एक स्वस्थ मनुष्य में बीमारी के समान लक्षण पैदा करने में सक्षम होते हैं। माना जाना। इसे होम्योपैथिक फार्माकोपिया द्वारा वर्णित होम्योपैथिक निर्माण प्रक्रिया के अनुसार तैयार किया जाता है।
बायो कॉम्बिनेशन (बीसी) दवाएं होम्योपैथिक संयोजन हैं जिनमें डॉ. शूसेलर द्वारा विकसित लवण शामिल हैं। शरीर में लगभग 12 जैव रासायनिक खनिज होते हैं। इन खनिजों में कोई भी असंतुलन बैक्टीरिया के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना सकता है और बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है। जैव संयोजन लवण इन खनिजों के सही संतुलन को बनाए रखने और शरीर के समुचित कार्य में सहायता करने में मदद करते हैं। 28 अलग-अलग बीसी दवाओं का उत्पादन करने के लिए 12 जैव रासायनिक खनिजों को विभिन्न संयोजनों में मिलाया जाता है।
कोर्स की समाप्ति पर UDEMI तथा एकेडमी आफ एनसिएन्ट मैजिक द्वारा होम्योपैथी एवं बायोकेमिक के डिप्लोमा प्रमाण पत्र प्रदान किया गये।