राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को राजभवन में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा गुरु गोबिंद सिंह के जीवनवृत्त पर प्रकाशित पुस्तक ‘‘सर्वस्वदानी जननायक गुरु गोबिंद सिंह’’ का विमोचन किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि यह एक अद्भुत संयोग है कि बैसाखी के शुभ अवसर पर हम इस पुस्तक का विमोचन कर रहे है।
उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने अपनी प्रतिभा और दूरदर्शिता से समाज को नई दिशा प्रदान की और मानवीय हितों का संरक्षण किया। गुरु गोबिंद सिंह का व्यक्तित्व सूर्य के प्रकाश की तरह है जिन्होंने अपने व्यक्तित्व से सदियों से मुरझाए, निराश, हताश, लाखों करोड़ों लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाई थी।
राज्यपाल ने कहा कि ऐसे महान समाज सुधारक के जीवनवृत्त पर एक पुस्तक का लेखन बेहद प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से प्रत्येक मानवता तक यह गुरु गोबिंद सिंह के संदेश पहुंचे यही हमारा प्रयास होना चाहिए। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में स्थापित गुरु गोबिंद सिंह शोध पीठ द्वारा किए गए शोध को पुस्तक का रूप देने के लिए बधाई दी।
उन्होंने कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय, डॉ. दिनेश चंद्र शास्त्री और इस पुस्तक के लेखक, डॉ. अजय परमार, समन्वयक गुरु गोबिंद सिंह शोध पीठ संस्कृत विश्वविद्यालय को इस संकलन के लिए साधुवाद दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पुस्तक गुरु गोबिंद सिंह द्वारा सिखाए गए मार्ग को अपनाने और समाज को एक नई दिशा देने का काम करेगी।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वैशाखी का पर्व भारतीय चिंतन का भारतीय इतिहास एवं भारतीय ज्ञान परम्परा की अद्भुत घटना है।हेमकुंट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने अपने विचार रखे और श्री गुरु गोबिंद सिंह को मानवता के लिए एक समरसता का सूत्रधार बताया। उन्होंने ऐसे महापुरुषों की जीवनी को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का आह्वान किया।
कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो०दिनेशचंद्र शास्त्री ने बताया कि गोबिन्द सिंह का व्यक्तित्व एक जीवन्त कार्यशाला है। जो हमें सत्य के पथ पर अडिग रहने की प्रेरणा देता है।उन्होंने कहा कि शीघ्र ही गुरु गोबिन्द सिंह शोध पीठ के द्वारा गुरु गोबिन्द सिंह के शाहबजादों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर शोधपरक कृति का प्रकाशन किया जायेगा ।
इस पुस्तक के लेखक, डॉ. अजय परमार ने पुस्तक के बारे में जानकारी दी और इसके विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला। विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।
कार्यक्रम में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी राज्यपाल अमित कुमार सिरोही, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति आयुर्वेद विश्वविद्यालय डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय, संस्कृत विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक लखेन्द्र गौथियाल , हरविंदर नौनी बग्गा, डी.एस. मान, डॉ. एस.एस. खेरा, डॉ० रश्मि ,डॉ० उमेश शुक्ल, कुमारी रितिका सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शानदार संचालन विनय सेठी द्वारा किया गया।