Doon Hospital, once again in the headlines, standing in the dock
देहरादून: बदहाल स्वास्थ सेवाओं के चलते हमेशा सुर्खियों में रहने वाला दून अस्पताल एक बार फिर से सवालों के कटघरे में खड़ा हो गया है , इस बार अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की नही बल्कि स्टाफ की कमी नजर आ रही है ,
नर्सिंग स्टाफ में काम करने वाले कई कर्मचारी दून अस्पताल को छोड़ कर दूसरे अस्पतालों में जा रहे हैं जिसकी वजह से अस्पताल और मरीज दोनों को ही कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है
कुछ वक्त पहले कोरोना काल के दौरान दून अस्पताल में बड़ी तादाद में नर्सिंग कर्मियों की भर्ती करवाई गई थी वही इन्हें कोरोना वारियर्स के नाम से भी बुलाया जा रहा था लेकिन कोविड संक्रमण के कम होते ही सभी कर्मियों को अस्पताल द्वारा पदमुक्त कर दिया गया था जिसके चलते नर्सिंग कर्मचारी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने पर मजबूर हो गए थे , अब भी नर्सिंग कर्मियों को दून अस्पताल में अस्थाई पद पर नियुक्तियां दी जा रहीं हैं जिसके चलते नर्सिंग स्टाफ पर किसी भी वक्त नौकरी खोने का संकट मंडरा रहा है और कर्मी दूसरे अस्पतालों में नौकरी की तलाश कर रहे हैं ।
दून अस्पताल की तुलना में निजी अस्पताल अपने कर्मचारियों को बेहतर सुविधाओं के साथ बेहतर वेतन भी उपलब्ध करवा रहे हैं वही दून अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ कम वेतन में काम करने को तैयार नहीं जिसके चलते दूसरे निजी अस्पतालों में नर्सिंग कर्मचारियों की दिलचस्पी बढ़ती हुई नजर आ रही है ।
बाइट : वाई रिजवी चिकित्सा अधीक्षक दून मेडिकल कॉलेज