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भारतीय लोकतंत्र के लीविंग लीजेंड कहे जाने वाले श्याम सरण नेगी का देहांत।

देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी का देहांत हो गया। श्याम सरण नेगी भरा-पूरा परिवार छोड़कर शनिवार तड़के इस दुनिया को अलविदा कह गए। 105 वर्षीय नेगी का राजकीय सम्मान के अंतिम संस्कार किया गया।बता दें कि मशहूर नेगी को भारतीय लोकतंत्र का लीविंग लीजेंड भी कहा जाता है।

नेगी याद करते हैं, “अक्तूबर, 1951 में मैंने पहली बार संसदीय चुनाव में वोट डाला था, इसके बाद मैंने एक भी चुनाव मिस नहीं किया. मैं अपने वोट की अहमियत को जानता हूं. अब तो मेरा शरीर भी साथ नहीं दे रहा है, लेकिन आत्मशक्ति के चलते मैं वोट देने जाता रहा हूं. इस बार भी मताधिकार का इस्तेमाल करना है. हो सकता है कि ये मेरा आख़िरी चुनाव हो. यह उम्मीद है, जिसे मैं अपने जीवन के अंतिम चरण में छोड़ना नहीं चाहता.”

स्वतंत्र भारत के पहले चुनाव के दौरान, किन्नौर में 25 अक्तूबर, 1951 को वोट डाले गए थे।चुनाव आयोग के ब्रांड एंबेसडर श्याम सरण नेगी ने हर चुनाव में वोट डाला है। वे औरों को मतदान करने के लिए प्रेरित करते थे।

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