राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के मानकों के आधार पर प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में कार्मिकों का ढांचा तैयार किया जाएगा। जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।इसके अलावा निर्माण कार्यों में देरी पर कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शुक्रवार को दून मेडिकल कॉलेज के सभागार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष में मेडिकल कॉलेजों के लिए स्वीकृत बजट खर्च करने की धीमी गति पर अफसरों को फटकार लगाई।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में कार्मिकों की कमी को पूरा करने के लिए एनएमसी मानकों के अनुरूप फैकल्टी, गैर टीचिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ का ढांचा तैयार कर प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा।
और मेडिकल कॉलेजों के लिए सहायक प्राध्यापक की न्यूनतम आयु सीमा में संशोधन, चिकित्सा अधीक्षक पद के वेतनमान में बढ़ोतरी, सीनियर रेजीडेंट के मानदेय बढ़ाने के अलावा मेडिकल कॉलेजों में वर्षों से कार्यरत कार्मिकों का वन टाइम सेटलमेंट संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के निर्देश दिए।
तो वही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में वर्षों से तैनात 350 से अधिक अल्प वेतनभोगी कार्मिकों को समान कार्य समान वेतन के तहत न्यूनतम वेतनमान देने संबंधी आदेश शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए।