बड़ी खबर: मसालों और दाल के कीमतों मे आई उछाल, जानिए क्या है मंडी का हाल
Big news: There was a jump in the prices of spices and pulses, know what is the condition of the market
देहरादून: महंगाई के इस दौर में अब मसाले और दाल की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। हाल ही में अभी लाल मिर्च, जीरा और लॉन्ग की कीमतों में उछाल देखने को मिला है। सबसे ज्यादा उछाल जीरे की कीमतों में दिख रहा है। वहीं जीरा दूसरे मसालों के मुकाबले सबसे अधिक मूल्य में बिक रहा है। व्यापारियों का कहना है कि देश में लगातार बारिश के चलते जीरे की पैदावार पर असर पड़ा है, जबकि जीरा बड़ी मात्रा में भारत से एक्सपोर्ट किया जाता है।
दाल और सूखे मेवों की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। खारी बावली उत्तर भारत में मसाले, सूखे मेवा और दालों की सबसे बड़ी मंडी है। वहा के व्यापारियों का कहना है कि साल 2022 में जीरे का दाम 400 रूपये प्रति किलो के आसपास था, जबकि इस वर्ष यह दाम 400 रूपये से बढ़कर 840 से 900 रूपये प्रति किलो थोक में मिल रहा है। बात करें सूखी लाल मिर्च की तो पिछले वर्ष इसका दाम 280 रूपये प्रति किलो था, वहीं अब यह दाम 400 से 500 रूपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। ऐसे ही कीमतों की उछाल अरहर दाल में भी देखने को मिला। बात करें अरहर दाल की कीमतों की तो यह मंडी में 115 से 120 रूपये किलो के थोक में मिल रहा है। कीमतों में इतनी उछाल को देखते हुए व्यापारियों का कहना है कि हो सकता है आने वाले दिनों में दाम में और भी तेजी देखने को मिले। साथ ही मसालों और सूखे मेवों में आई तेजी कब कम होगी इसका सटीक अनुमान लगाना अभी मुश्किल है।
जानिए बढ़ती कीमतों को लेकर क्या कहना है व्यापारियों का
अंशुल गुप्ता के मुताबिक जोकि किराना के व्यापारी हैं उनका कहना है कि जीरे की फसल खराब होने से आवक प्रभावित हुई है। भारत विदेश में जीरा बड़ी मात्रा में भेजता है। लाल मिर्च का भाव बीते वर्ष शुरुआत में कम था, लेकिन बाद में तेजी आई। भाव में तेजी आने की उम्मीद से किसान सीमित संख्या में मिर्च मंडी में बेच रहे हैं।
वही दूसरी ओर खारी बावली मंडी के व्यापारी नंदकिशोर बंसल जी का कहना है कि इस बार सभी तरह के सूखे मेवों के दामों में तेजी है। भारत में अधिकांश ड्राईफ्रूट विदेश से आयात किए जाते हैं। इस बार पाकिस्तान में बाढ़ आई, जिसके चलते पैदावार कम हुई। आवक कम होने से जाहिर तौर पर कीमतों पर असर पड़ता है।