राजनीति

मंत्री अमित शाह ने किया अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबितू में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ का शुभारंभ

Minister Amit Shah launches 'Vibrant Village Programme' in Arunachal Pradesh's border village Kibitu

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबितू में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ का शुभारंभ किया। अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश सरकार की नौ माइक्रो हाइडल परियोजनाओं और 120 करोड़ की लागत से आईटीबीपी की 14 परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केन्द्रीय गृह सचिव और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के महानिदेशकसहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा किप्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सीमावर्ती गांवों के प्रति जनता का दृष्टीकोण बदला है, अब सीमावर्ती क्षेत्र में जाने वाले लोग इसे आखिरी गाँव नहीं बल्कि भारत के पहले गाँव के रूप में जानते हैं। सीमावर्ती क्षेत्र प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी प्राथमिकता हैं, सीमा की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा है इसलिए मोदी सरकार बॉर्डर पर इनफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि1962 की लड़ाई में तत्कालीन कुमाऊं रेजीमेंट ने अदम्य साहस का परिचय दिया था। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश निश्चिंत होकर सोता है इसका कारण हमारे हिमवीर आईटीबीपी और सेना के जवानों का पराक्रम और उनका त्याग और बलिदान है और उन्हीं के कारण कोई हमारी सीमा की ओर आंख उठाकर देख भी नहीं सकता। शाह ने कहा कि 13 हज़ार फीट की ऊंचाई पर अपने परिवारों से दूर रहकर देश की सेवा कर रहे सभी जवानों के त्याग, बलिदान, शौर्य, उत्साह और देशभक्ति प्रणामयोग्य हैं।

अमित शाह ने कहा कि सभी अरूणाचलवासी जय हिंद बोलकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं और इसी जज़्बे ने भारत के साथ अरूणाचल को जोड़कर रखा है। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले यहां के गांवों से पलायन हो रहा था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इन गांवों तक विकास को पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि मोदी द्वारा लाए गए वायब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों की व्यापक विकास के लिए पहचान की गई है। इस कार्यक्रम के पहले चरण में, 46 ब्लॉक्स में 662 गांवों की लगभग 1 लाख 42 हज़ार की आबादी को कवर किया जाएगा। इस योजना पर 2022 से लेकर 2026 तक 4800 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे, 11 ज़िले, 28 ब्लॉक और 1451 गांवों को प्रथम चरण में शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत 3 स्तर पर गांवों के विकास के काम होंगे। वायब्रेंट विलेज के तहत गांवों में बसे हर व्यक्ति की सुविदाओं की चिंता भारत सरकार करेगी औरविभिन्न योजनाओं को इस कार्यक्रम के तहत लोगों तक शत-प्रतिशत पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गांवों में एक भी घर ऐसा नहीं रहेगा जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं होंगी।

शाह ने कहा कि वित्तीय समावेशन और आर्थिक अवसरों को प्रोत्साहन देने का काम भी होगा। पर्यटन, स्थानीय संस्कृति और भाषा का संरक्षण और संवर्धन करते हुए इन गांवों का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का दूसरा लक्ष्य है, यहां से पलायन रोकना जिसके लिए रोज़गार की व्यवस्था यहीं पर की जाएगी और पलायन से प्रभावित गांवों में पूर्ववर्ती स्थिति लाने का 5 साल का लक्ष्य रखा गया है।

शाह ने कहा कि इस कार्यक्रम का तीसरा लक्ष्य है, सीमावर्ती गांवों में मूलभूत इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना। उन्होंने कहा कि 3 चरणों में होने वाले वायब्रेंट विलेज कार्यक्रम के माध्यम से पूरी उत्तरी सीमा के सभी गांवों से पलायन रोकना,पर्यटन को बढ़ावा देना और शहरों जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना मोदी सरकार का लक्ष्य है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि वायब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मिशन मोड में चलाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र, राज्य, ज़िला और ब्लॉक-स्तर पर प्रशासन में पंचायत और ग्राम सभा की भागीदारी और ज़िम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी और सभी योजनाओं पर शत-प्रतिशत अमल के लिए इन्हें इंटीग्रेटेड और कोऑर्डिनेटेड तरीके से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘वाइब्रेंट विलेज’ में रहने वाले सभी लोगों को गांवों में रहने का गर्व हो और उन्हें सभी सुविधाएं प्राप्त हों, ऐसा गांव बनाने की ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में अरूणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू की है।

अमित शाह ने कहा कि आज यहां नौ माइक्रो हाइडल परियोजनाओं का उद्घाटन भी हुआ है और ये लगभग पूरी हो चुकी हैं और इनकी क्षमता 725 किलोवॉट है और इनकी लागत लगभग 30 करोड़ रूपए है। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं अरूणाचल जैसी विषम भौगोलिक स्थिति वाले राज्य में गावों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेंगीं। इसके साथ ही मोदी सरकार सीमा पर तैनात हमारे हिमवीर और भारतीय सेना के जवानों को भी सभी सुविधाएं मिलना सुनिश्चित करेगी।

शाह ने कहा कि आज 120 करोड़ की लागत से आईटीबीपी की 14 परियोजनाओं का भी शुभारंभ हुआ है। उन्होंने कहा कि छोटे से राज्य अरूणाचल प्रदेश में 6,600 स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है और इनके माध्यम से 53 हज़ार से अधिक महिलाओं को रोज़गार मिल रहा है, जो महिला सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले पूरे नॉर्थईस्ट को एक समस्याग्रस्त क्षेत्र के रूप में जाना जाता था लेकिन पिछले 9 सालों में मोदी जी की लुक ईस्ट नीति के कारण नॉर्थईस्ट को आज देश के विकास में योगदान देने वाले क्षेत्र में रूप में जाना जाता है।

शाह ने कहा कि एक ज़माने में दिल्ली में बैठे नेताओं के गलत दृष्टिकोण के कारण ये क्षेत्र विवादित था, उग्रवाद से ग्रस्त था और यहां शांति, विकास और कनेक्टिविटी का अभाव था। शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में आज यहां विवाद और उग्रवाद समाप्त हो रहे हैं और विकास और शांति के नए युग की शुरूआत हो रही है।

उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तरपूर्व में 3 स्तरों पर काम किया है- यहां की अभूतपूर्व सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण किया, विवादों का निपटारा करके शांति स्थापित की, और, उग्रवादी समूहों के साथ कई समझौते किए जिनसे 2014 के मुकाबले 2022 में हिंसा में 67 प्रतिशत, सुरक्षाबलों की मृत्यु में 60 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु में 83 प्रतिशत की कमी आई है।

शाह ने कहा कि मोदी सररकार ने ब्रू, एनएलएफटी, बोडो, कार्बी-आंगलोंग समझौते किए और अंतर्राज्यीय सीमा विवाद सुलझाए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 70 प्रतिशत नॉर्थईस्ट में से AFSPA को हटा लिया है और वो दिन दूर नहीं है जब पूरे नॉर्थईस्ट से इसे हटा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हथियार उठाने वाले युवा आज मेनस्ट्रीम में आकर मोदी जी के नेतृत्व में भारत के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।

अमित शाह ने कहा कि भारत सबसे शांति चाहता है लेकिन हमारे देश की एक इंच भूमि पर भी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकेगा और ये नरेन्द्र मोदी सरकार की नीति है कि हमारी सेना और सीमा के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सीमाओं की सुरक्षा को राष्ट्र की सुरक्षा मानती है और इसीलिए सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर नरेन्द्र मोदी जी की प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि 2014 से 2023 तक 547 किलोमीटर की बॉर्डर फेंसिंग का काम पूरा हो चुका है, 1100 किलोमीटर से अधिक बॉर्डर रोड का निर्माण हुआ है, 1057 किलोमीटर पर फ्लडलाइट लगाने का काम हो चुका है, 468 बॉर्डर ऑबज़र्वेशन पोस्ट्स (BOPs)लगाने का काम हो चुका है। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टी बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जो काम 12 टर्म में नहीं कर सकी, वो मोदी जी ने 2 टर्म में ही कर लिया है और ये मोदी सरकार की सीमा सुरक्षा के प्रति प्राथमिकता को दर्शाता है। इसके लिए मोदी सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के विकास के लिए भी अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 5 किलोमीटर के दायरें में आने वाले सभी गांवों को ऑलवैदर रोड्स से जोड़ा है, 1859 किलोमीटर लंबे अरुणाचल फ्रंटियर हाइवे का काम शुरू हो गया है और पिछले कुछ वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों में 2500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण करके 252 बस्तियों को जोड़ा गया है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अरुणाचल सरकार को 44 हज़ार करोड़ रूपए इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए दिया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल संपर्क के क्षेत्र में भी 684 गांवों में 4जी कनेक्टिविटी पहुंच चुकी है औरलगभग 1327 सीमावर्ती गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार सबसे बड़ी प्राथमिकता सीमावर्ती क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की मन से लगाव और प्यार की अप्रोच से दूरियां कम हुई हैं।

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