उत्तराखंड

20 तक लग जाएंगे इलेक्ट्रॉनिक कांटे तब तक जिला खनन टास्क फोर्स की निगरानी में होगा खनन व मापन

20 तक लग जाएंगे इलेक्ट्रॉनिक कांटे तब तक जिला खनन टास्क फोर्स की निगरानी में होगा खनन व मापन

हाईकोर्ट : केंद्र सरकार से इस शर्त पर मिली गौला नदी से खनन की अनुमति

नैनीताल। हाईकोर्ट ने वन निगम द्वारा गौला नदी से उपखनिज ले जा रहे वाहनों की माप इलेक्ट्रॉनिक धर्मकांटों से करने के बजाय मेनुअली फीते से करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। अदालत ने इस मामले में वन निगम व सरकार से पिछली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया था जिस पर सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा गया कि कांटों की इलेक्ट्रॉनिक टेंडरिंग की जा रही है।

वह 11 तक बिड आवंटन भी हो जाएगा परंतु न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि धर्म कांटे कब तक स्थापित कर दिए जाएंगे इसकी एक निश्चित तिथि बताएं। तब शासन की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा अंदरटेकिंग देकर यह स्पष्ट किया गया कि 20 जनवरी तक सभी जगह इलेक्ट्रॉनिक धर्म कांटे लगा दिए जाएंगे । परंतु याचिकाकर्ता पीयूष जोशी के अधिवक्ता दुष्यंत मैलानी ने पक्ष रखते हुए कहा कि इससे अवैध खनन को बढ़ावा मिलेगा इस पर न्यायालय ने पूरे खनन को व उसके मापन को जबतक इलेक्ट्रॉनिक धर्म कांटे नहीं लग जाते तब तक जिला खनन टास्क फोर्स की कड़ी निगरानी में करने के आदेश दिए। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में हुई।

मामले के अनुसार हल्दूचौड़ निवासी पीयूष जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कहा कि वन निगम को नैनीताल जिले में खासकर गौला नदी से खनन की अनुमति केंद्र सरकार से इस शर्त पर मिली है कि नदी से उपखनिज ले जा रहे वाहनों में उपखनिज की माप गेटों पर इलेक्ट्रॉनिक धर्मकांटे लगाकर होगी। इसी आधार पर रॉयल्टी तय होगी, लेकिन वन निगम ने इलेक्ट्रॉनिक धर्मकांटे नहीं लगाए हैं और मेनुअली उपखनिज की माप की जा रही है। जिससे अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा है। ओवरलोडिंग की जा रही है।

मामले पर टिप्पणी करते हुए न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि सरकार को यह सभी व्यवस्थाएं पहले से करनी चाहिए व होमवर्क पूरा करके रही कोई कार्य करना चाहिए साथ ही तीखी टिप्पणी करते हुए यह भी कहा कि टेंडर इत्यादि उलझन में ना फंसना पड़े इसलिए उलझन से बचने के लिए अधिकारी कार्य ही नहीं करते हैं, जिस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि व्यवस्था में सुधार आ सके।
मामले की अगली सुनवाई 14 फरबरी को होगी।

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