आबकारी विभाग के टेंडर से 150 करोड़ प्रतिबंधित प्लास्टिक होलोग्राम उत्तराखंड के पर्यावरण में जहर घोलेंगे
प्रधानमंत्री मोदी की प्रदूषण नीति के खिलाफ आबकारी विभाग का होलोग्राम टेंडर
कांग्रेस नेता अभिनव थापर का खुलासा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आबकारी के 150 करोड़ प्रतिबंधित प्लास्टिक लेबल पर्यावरण में जहर घोलेंगे
आबकारी विभाग के टेंडर से 150 करोड़ प्रतिबंधित प्लास्टिक होलोग्राम उत्तराखंड के पर्यावरण में जहर घोलेंगे
देहरादून : आज सामाजिक कार्यकर्ता व कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने देहरादून प्रेस क्लब में पर्यावरणविद स्वर्गीय पद्म विभूषण सुंदर लाल बहुगुणा जी की जयंती पर उत्तराखंड के पर्यावरण को Irreversible Loss के लिए आबकारी विभाग उत्तराखंड द्वारा प्रतिबंधित – बैन सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) का 150 करोड़ होलोग्राम (लेबल्स) के टेंडर में घोर अन्नमित्ताओ पर तथ्यों के साथ प्रेसवार्ता करी। यह कार्य केंद्र सरकार की प्रतिबंधित सिंगल उपयोग प्लास्टिक (SUP) बैन की नीति, प्रधानमंत्री कार्यालय व नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल नई दिल्ली द्वारा जारी (SUP) के प्रतिबंध की गाइडलाइंस के बिलकुल विपरीत है।
आबकारी विभाग उत्तराखंड ने 20.11.23 को उत्तराखंड में शराब की बोतलों में लगने वाली होलोग्राम का टेंडर निकाला जिसमे उन्होंने पॉलिस्टर Plastic युक्त 36 माइक्रोन का होलोग्राम की मुख्य मांग रखी जबकि केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) कार्यालय द्वारा 30.06.2022 को जारी गाइडलाइन के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) 100 माइक्रोन से कम पर संपूर्ण रूप से प्रतिबंधित है और इन बिंदुओं पर कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने 13.12.2023 को मुख्यमंत्री, आबकारी विभाग व उत्तराखंड पॉल्यूशन बोर्ड व 23.12.2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र दिया और उत्तराखंड में 150 करोड़ प्रतिबंधित Non–Biodegradable Plastic से होने वाले नुकसान के बारे मे अवगत कराया और इस टेंडर को निरस्त करने के लिए प्रत्यावेदन दिया। उक्त पत्र द्वारा राज्य सरकार को भारत सरकार के पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की उल्लेखित गाइडलाइंस SUP Ban को आबकारी विभाग द्वारा दरकिनार करते हुए 18 दिसंबर 2023 को 5 वर्षो में 150 करोड़ Plastic लेबल के हजारों कुंतल प्लास्टिक का टेंडर खोला गया और हैरतअंगेज रूप से कार्य की प्रक्रिया गतिमान है।*
ये वो खतरनाक plastic है जिसकों पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) भारत सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली व स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भी प्रतिबंधित-Ban किया गया है किन्तु फिर भी राज्य सरकार ने शायद किसी अनैतिक लाभ के लिए इन सब नियम कानून और प्रधान मोदी नरेंद्र मोदी जी के आदेशों का भी उलंघन करते हुए उत्तराखंड के पर्यावरण के लिये यह प्लास्टिक-जहर का कार्य करने का निर्णय लिया है।
इस टेंडर के जारी होने के बाद उत्तराखंड की गंगा– यमुना जैसी तमाम नदीयों, वन आदि में प्रतिबंधित SUP (Single Use Plastic) के Non biodegradable 150 करोड़ प्लास्टिक लेबल पर्यावरण में जहर की तरह घुल जाएंगे । इन होलोग्राम से न सिर्फ उत्तराखंड के पर्यावरण को घनघोर ( Irreversible loss ) अपूर्णीय क्षति होने वाली है बल्कि प्रदेश के वन्य जीव , नदियों, झीलें, ग्लेशियर और अन्य पर्यावरणीय श्रोत्र पर गंभीर तरीके से संकट खड़ा होने वाला है।
यह चिंतनीय विषय है की अगले 5 सालो में जब 150 करोड़ प्रतिबंधित प्लास्टिक लेबल जो, हजारों कुंतल प्लास्टिक होगी, जब वो हमारे वातावरण में जहर की तरह घुलेगी तो हिमालय के ग्लेशियर और नदियों पर कितना बुरा असर पड़ेगा और उत्तराखंड के हिमालय और नदियों से भारत के पर्यावरण को इसके नुकसान की चपेट में आयेगा किंतु कांग्रेस नेता अभिनव थापर के पत्र लिखने के बाद भी अभी तक सरकार की आंख नहीं खुली है।
आज हम स्वर्गीय पर्यावरणविद पद्म विभूषण सुंदर लाल बहुगुणा के राज्य में इस पर्यावरण पर उत्तराखंड सरकार की गंभीर चोट से इस प्रेसवार्ता के माध्यम से सरकार को यह चेतावनी देते हैं की यदि उत्तराखंड के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जाएगा और भारत सरकार की पर्यावरण नीति के खिलाफ भी राज्य सरकार काम करेगी तो हम उत्तराखंड के पर्यावरण को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे , पूरे प्रदेश भर में आंदोलन खड़ा करेंगे व न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
अभिनव थापर ने कहा की हमारी प्रदेश मुख्यमंत्री व सरकार से मांग है की उत्तराखंड के पर्यावरण को अपूर्णीय क्षति पहुंचाने वाले इन प्रतिबंधित प्लास्टिक (36 माइक्रोन के Ban SUP) के 150 करोड़ प्लाटिक के होलोग्रामों के लिए जारी टेंडर को तत्काल निरस्त कर जांच बिठाई जाय, दोषी अफसरों पर कार्यवाही हो और किन कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए इतना बड़ा खेल हमारे पर्यावरण हिमालय, ग्लेशियर और नदियों को ताक पर रख कर किया जा रहा है, उनका भी नाम जनता के सामने लाया जाए। प्रेस वार्ता में देवेंद्र नौडियाल, व डॉ नितेन्द्र डंगवाल ने भाग लिया ।