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जोशीमठ: शिक्षक के स्थानांतरण होने पर भावुक हुए स्कूली बच्चे

Joshimath: School children get emotional after teacher’s transfer

जोशीमठ से विनय उनियाल की रिपोर्ट। जी हां जब कोई अच्छा,गुणी शिक्षक अपने विद्यालय के छात्र छात्राओं को अपने बेहतर शिक्षा के साथ साथ प्यार,स्नेह अपनापन देता है तभी वहाँ से स्थानान्तरण होने के बाद ही कुछ ऐंसा भावुक लम्हा देखने को मिलता है।

जोशीमठ प्रखंड के विश्व सांस्कृतिक धरोहर रम्माण के मेजबान गांव सलूड़ डुंगरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत अध्यापक राजेश थपलियाल की जिनका ट्रांसफर अन्य विद्यालय में होने के बाद विदाई देते वक़्त कुछ इस तरह सभी स्कूली बच्चे भावुक हुये और किस तरह से अपने नम भरी आखों से अपने गुरू जी को बिदाई दी।

ये एक सीख भी है अन्य विद्यालयों के लिए नजीर है कि गुरु अगर अपने उद्देश्य के प्रति सजग रहें। तो अपने शिष्यों को बेहतर समाज में जीने के लिए बहुत कुछ सिखा जाते है,ओर उनको इस तरह नम आंखों से विदाई दी जाती है, विद्यालय मे पठन पाठन की बात की जाए या अपने विद्यालय में होने वाले अन्य कार्यक्रम और तमाम सांस्कृतिक प्रोग्राम की बात की जाए तो ऐसे गुरू शायद में बहुत कम मिलते हैं,जिस तरह से सीमांत क्षेत्र सलूड डूंगरा गांव के अध्यापक राजेश थपलियाल ने सलूड डुंगरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को उनके भविष्य के लिऐ अपने घर परिवार से भी ज्यादा प्रेम करके आज विधालय को एक आदर्श विद्यालय बनाने में अपना तन मन धन से सहयोग कर आगे तक पहुंचाने में अपनी एक अहम भुमिका निभाई है।।ऐसे गुरू को कोटि कोटि प्रणाम है।।

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