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भारत की पहली और दुनिया की सबसे बड़ी ग्रीन हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड परियोजना की शुरुआत

बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं में इसकी अग्रणी भूमिका रहेगी

नई दिल्ली। एनटीपीसी ने सिम्हाद्री (विशाखापत्तनम के पास) के एनटीपीसी गेस्ट हाउस में इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग करके हाइड्रोजन उत्पादन के साथ ही “एकल ईंधन-सेल आधारित माइक्रो-ग्रिड” परियोजना की शुरुआत की है।

यह भारत की पहली हरित हाइड्रोजन आधारित ऊर्जा भंडारण परियोजना है। इसकी बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं में अग्रणी भूमिका होगी और यह देश के विभिन्न ऑफ ग्रिड तथा महत्वपूर्ण स्थानों में माइक्रो ग्रिड की स्थापना एवं अध्ययन के लिए उपयोगी साबित होगी।

  • बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं में इसकी अग्रणी भूमिका रहेगी

परियोजना के तहत नजदीक के फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट से इनपुट पावर लेकर उन्नत 240 किलोवाट सॉलिड ऑक्साइड इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग करके हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।

धूप रहने के समय के दौरान घंटों तक उत्पादित हाइड्रोजन को उच्च दबाव में संग्रहित किया जाएगा और फिर 50 किलोवाट ठोस ऑक्साइड ईंधन सेल का उपयोग करके इसे विद्युतीकृत किया जाएगा। यह प्रणाली शाम पांच बजे से सुबह सात बजे तक एकल आधार पर कार्य करेगी।

इस अनूठी परियोजना की रूपरेखा एनटीपीसी तय की गई है। यह भारत के लिए एक विशिष्ट परियोजना है और देश के दूर-दराज के क्षेत्रों जैसे लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर आदि, जो अब तक केवल डीजल जनरेटर पर निर्भर हैं, उनको डीकार्बोनाइज करने के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री के वर्ष 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने और लद्दाख को कार्बन न्यूट्रल क्षेत्र बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

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