उत्तराखंड

लालकुआं: हरेला पर्व पर तराई पूर्वी वन प्रभाग गाैला रेंज के अर्न्तगत वृक्षारोपण का शुभारम्भ

Plantation started under Terai Eastern Forest Division Gaila Range on Harela festival

रिपोर्टर, मुकेश कुमार, लालकुआ, लालकुआ पर्यावरण संरक्षण को लेकर उत्तराखंड राज्य की धरोहर को हरा भरा रखने के लिए हरेला पर्व पर तराई पूर्वी वन प्रभाग गाैला रेंज के अर्न्तगत हल्दूचौड़ स्थित आईटीवीपी के परिसर में वन विभाग तथा आईटीवीपी के संयुक्त तत्वाधान में वृक्षारोपण का शुभारम्भ वन विभाग के कुमाऊं चीफ बंसत कुमार पत्रों एंव क्षेत्रीय विधायक डां मोहन सिंह बिष्ट ने करते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को देखते हुए सभी को हर वर्ष एक पौधारोपण कर उसके संरक्षण की शपथ लेनी चाहिए ।


उन्होंने कहा कि आज जरूरत है हमें शुद्ध जल वायु एवं पर्यावरण संरक्षण की इस दौरान उन्होंने रूद्राक्ष का पौधे लगाकर इस वर्षा कालीन वृक्षारोपण का शुभारंभ किया। इस मौके पर गौलारेंज के वनकर्मियों एवं आईटीवीपी के जवानों ने भी फलदार एवं औषधीय पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण की बात कही ।

वीओ-इस दौरान वन विभाग के कुमाऊं चीफ बंसत कुमार पत्रों ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और वन मंत्री के दिशा निर्देशन में सभी जगहों पर वृक्षारोपण कार्यक्रम किये जा रहे है।
उन्होंने कहा कि हरेला हरियाली का प्रतीक है उन्होंने कहा कि यहां त्योहार पूरे प्रदेश और देश में बड़े ही धुमधाम से मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करते हैं उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण हर व्यक्ति को करना चाहिए क्योंकि एक पेड़ हमारी कई कमियों को दूर करता है उन्होंने कहा कि वन विभाग उन सभी लोगों का सम्मान एवं सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहता हैं जोकि वृक्षारोपण के क्षेत्र में अग्ररणीय भूमिका निभाते आ रहे हैं।

इस दौरान मुख्य रूप से कार्यक्रम में पी के पात्रो,डीएफओ संदीप कुमार,एसडीओ प्रदीप कुमार, एसडीओ संतोष पंत,वनक्षेत्राधिकारी आर पी जोशी,आइटीबीपी डिप्टी कमांडेंट सीताराम,राजेश कुमार, प्रभाकर गब्याल, राजू वानखेडे, सूबेदार मेजर ओंकार सिंह, एसआई रोहित मावी, कार्यक्रम में रुद्राक्ष, पिलखनस, बड़, पीपल, सहजन, शीशम, आंवला, सिरस, अर्जुन, जामुन, कंजी, बेल, बकैन, नीम की 1100 पौधों का रोपण किया गया तथा आइटीबीपी, हल्दूचौड को 1500 पौधों का वितरण किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु ब्रह्मा कुमारीज, क्षेत्रवासी, गोला रेंज एवं डोली रेंज के स्टाफ मौजूद रहा।

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