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प्रदेश के शहरों में 24 घंटे पानी की सुचारू आपूर्ति के लिए पावर ग्रिड की तरह वाटर ग्रिड बनने जा रही

प्रदेश के शहरों में 24 घंटे पानी की सुचारू आपूर्ति के लिए पावर ग्रिड की तरह वाटर ग्रिड बनने जा रही है। पेयजल निगम इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है जो कि फरवरी माह में एशियन डेवलपमेंट बैंक की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।

 

अभी तक किसी मोहल्ले या क्षेत्र विशेष में ट्यूबवेल की मोटर फूंकने पर कई दिन तक पानी की किल्लत रहती है। लोग टैंकरों से पानी मंगाते हैं। तो कई जगहों पर सर्दियों में भी पानी की परेशानी रहती है।

इन सभी दिक्कतों के समाधान के लिए पेयजल विभाग वाटर ग्रिड तैयार कर रहा है। इस ग्रिड से सभी शहरों की पेयजल लाइनें आपस में जोड़ी जाएंगी। जहां भी पानी की किल्लत होगी, वहां ग्रिड से पानी उपलब्ध करा दिया जाएगा।

 

पेयजल विभाग अगले महीने आने वाली एडीबी की टीम के सामने यह प्रस्ताव रखेगी ताकि एडीबी से प्रोजेक्ट को फंड मिल सके।जैसे पावर ग्रिड में कई बार किसी क्षेत्र विशेष में बिजली की समस्या होने पर दूसरी जगह से बिजली उपलब्ध करा दी जाती है, वैसे ही वाटर ग्रिड भी काम करेगी। हर मोहल्ले की मुख्य पेयजल लाइनें इस ग्रिड से जोड़ी जाएंगी।

बता दें कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में वाटर ग्रिड स्थापित की जा रही है। यह ग्रिड पूरे साल पेयजल, औद्योगिक और कृषि उद्देश्यों के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए बनाई जा रही है। मराठवाड़ा में आठ जिले आते हैं। इस क्षेत्र में कम वर्षा होती है। इस वजह से हर साल यहां पानी की किल्लत पैदा हो जाती है। गुजरात में भी जलापूर्ति के लिए वाटर ग्रिड बनाने काम किया जा चुका है।

 

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