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उत्तरकाशी में नहीं होगी महापंचायत, पढ़िए….

न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक इस मामले में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी.

उत्तरकाशी में नहीं होगी महापंचायत, पढ़िए….

उत्तरकाशी में महापंचायत नहीं होगी. जिला प्रशासन ने कथित लव जिहाद और धर्मांतरण को लेकर बुलाई गई महापंचायत को इजाजत देने से इंकार कर दिया है. ये महापंचायत 15 जून को होने वाली थी. न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक इस मामले में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी.

Uttarakhand | Uttarkashi district administration has refused permission for the proposed maha panchayat on June 15 in Purola over alleged ‘love-jihad’ cases.

No one will be allowed to disturb law & order in the state, says DGP Ashok Kumar.

— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 14, 2023
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रोहिल्ला ने बताया है कि पूरे जिले में सीआरपीसी की धारा-144 भी लगा दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया मामला
उत्तराखंड पुलिस के इस आदेश से कुछ घंटे पहले ही उत्तरकाशी महापंचायत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. एक पत्र याचिका दाखिल हुई, जिसमें महापंचायत पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई. आजतक से जुड़े संजय शर्मा के मुताबिक 13 जून को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी की तरफ से चीफ जस्टिस को ये पत्र याचिका भेजी गई.

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कहा,

“इस तरह की घटनाएं समाज और कानून के लिए अभिशाप हैं और संसदीय लोकतंत्र में इसका समर्थन नहीं किया जा सकता है. ऐसी चीजें उस सेक्युलर ताने-बाने को खतरे में डालती हैं, जिनसे देश एकता में बंधता है… अगर महापंचायत होने की अनुमति दी जाती है, तो इससे राज्य में सांप्रदायिक तनाव हो सकता है. ऐसे में जिनके खिलाफ महापंचायत आयोजित की जानी है, उनके जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए तत्काल कोर्ट के हस्तक्षेप की जरूरत है.”

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार, 14 जून को अवकाशकालीन पीठ के सामने मेंशनिंग के दौरान इस मामले पर जल्द आदेश पारित करने की अपील की जाएगी.

अमित शाह को लेटर लिखा
उधर, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने भी महापंचायत को रोकने के प्रयास शुरू कर दिए थे. मौलाना ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर उनसे कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.

मदनी ने उत्तरकाशी उत्तराखंड में मुस्लिम समुदाय के निष्कासन की खुली धमकी पर गहरी चिंता व्यक्त की थी.

मदनी ने पत्र में लिखा,

‘कानून-व्यवस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द के मामले में उत्तराखंड एक अनुकरणीय राज्य रहा है, उत्तरकाशी में जो हो रहा है वह उसके स्वभाव से मेल नहीं खाता. कुछ लोग खुलेआम दोनों संप्रदायों के बीच डर और दुश्मनी फैला रहे हैं. मैं आपसे 15 जून 2023 को होने वाले कार्यक्रम (महापंचायत) को रोकने का अनुरोध करता हूं, जिससे राज्य में सांप्रदायिक संघर्ष हो सकता है. इसके साथ ही हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच खाई और बढ़ सकती है.’

उत्तरकाशी जिले की पुरोला नगर पंचायत में बीते दिनों 2 युवकों पर एक नाबालिग हिन्दू लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगा. इनमें एक युवक मुस्लिम और दूसरा हिन्दू है. कुछ स्थानीय युवकों ने उन दोनों युवकों और लड़की को रोक लिया था. लेकिन, इसके बाद पुरोला में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया, जो अब तक जारी है. प्रदर्शनकारियों ने मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों पर पोस्टर लगाए हैं, इन पोस्टरों में 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले दुकानें खाली करने की धमकी दी गई है. कुछ मुस्लिम दुकानदारों के पलायन की भी खबर है. हालांकि, पुलिस ने दुकानदारों के उत्तरकाशी छोड़ने की खबरों का खंडन किया है.

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