उत्तराखंड

Big News : केन्द्र ने संविधान संशोधन हेतु राज्य सरकारों से जानना चाहा उसका अभिमत

जिला पंचायत अध्यक्ष-क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के प्रत्यक्ष चुनाव की महाराज की कोशिशें चढ़ने लगी परवान

रिपोर्ट भगवान सिंह।

उत्तराखण्ड जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के प्रत्यक्ष चुनाव करवाये जाने की प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज की कोशिशें अब परवान चढ़ने लगी हैं। पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार ने उनके इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करना प्रारम्भ कर दिया है। मंत्रालय ने प्रत्यक्ष चुनाव की दृष्टि से उत्तराखंड सहित देश के सभी राज्यों की सरकारों से संविधान संशोधन हेतु उनकी राय मांगी है।

पंचायतों के सशक्तिकरण के लिए प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज पंचायत चुनाव में खरीद-फरोख्त और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख के प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाने को लेकर पिछले काफी समय से मुखर हैं। वह लगातार केंद्रीय ग्रामीण निर्माण तथा पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात कर लिखित एवं मौखिक रूप से इस विषय को उनके सम्मुख रखते रहे हैं।

प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख के प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाने के विषय की गंभीरता को देखते हुए पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा “भारत का संविधान” अनुच्छेद 243 ग(5)(ख) में संशोधन हेतु राज्य सरकार का अभिमत मांगा गया है जिस पर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने प्रबल संस्तुति के साथ अपना अनुमोदन भी प्रदान कर दिया है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 ग के (5)(ख) में संविधानिक व्यवस्था के अनुसार मध्यवर्ती स्थल या जिला स्तर पर इसे पंचायत के अध्यक्ष का निर्वाचन उसके निर्वाचित सदस्यों द्वारा अपने में से किए जाने की व्यवस्था है जबकि भारतीय संविधान अनुच्छेद 243-द मैं नगर पालिकाओं की संरचना के अंतर्गत (2) (ख) में किसी नगर पालिका के अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रीति के ऊपर दो हेतु राज्य विधानमंडल दल को शक्ति प्रदान की गई है।

पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के प्रत्यक्ष चुनाव कराए जाने हेतु केंद्र सरकार से अनुरोध करते हुए कहा था कि नगर निकायों के अध्यक्षों के निर्वाचन हेतु भारत के संविधान में उपबंधित व्यवस्था के समान संविधान संशोधन के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 243-ग के (5)(ख) मैं प्रावधानित व्यवस्था में संशोधन करते हुए प्रमुख क्षेत्र पंचायत एवं अध्यक्ष जिला पंचायत के पद के निर्वाचन की रीति निर्धारित किए जाने हेतु राज्य विधानमंडल को शक्ति प्रदान कर दी जाए ताकि राज्य सरकारें उपरोक्त पदों पर निर्वाचन की रीति का निर्णय सुविधा अनुसार अपने स्तर से ले सकें।

श्री महाराज की लगातार कोशिशों का ही परिणाम है कि आज पंचायती मंत्रालय भारत सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुखों की प्रत्यक्ष चुनाव की दृष्टिगत राज्य सरकारों से इस संदर्भ में अपना अभिमत देने को कहा है।

श्री महाराज को उम्मीद है कि पंचायतों को सशक्त करने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख के प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर जो प्रयास उनके द्वारा किए गये हैं निश्चित रूप उसके परिणाम बेहद सकारात्मक होंगे।

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