बड़कोट से अनिल रावत : सोमवार को रवाई घाटी पत्रकार संघ में एक पत्रकार गोष्टी का आयोजन किया । गोष्ठी में पर्यावरण संरक्षण पर मीडिया की भूमिका पर विशेष चर्चा की गई । पर्यावरण संरक्षण की जब बात आती है तो आम व्यक्ति के मस्तिष्क पर वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण और भू-क्षरण जैसी पर्यावरण संबंधी समस्याएं ही छायी रहती थी । परन्तु आज इन विभिन्न समस्याओं ने एक व्यापक रूप धारण कर लिया है । यह है ग्लोबल वार्मिंग अर्थात गरमाती पृथ्वी ।
आज पर्यावरण की सारी समस्याएं इसी के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती हैं।यह चर्चा सोमवार को आयोजित रवांई घाटी पत्रकार संघ की अर्धवार्षिक अधिवेशन के दौरान दो दर्जन से अधिक पत्रकारों ने की। अधिवेशन में पर्यावरण सरंक्षण में मीडिया की भूमिका विषय पर चर्चा की गई।
रवांई घाटी पत्रकार संघ अध्यक्ष सुनील थपलियाल ने कहा कि इस धरती पर अब तक न जाने कितनी ही सभ्यताएं उदित और नष्ट हुई,इसका ब्यौरा भी अभी तक मनुष्य नहीं ढूंढ पाया है। हम उन सभ्यताओं को ढूंढते-ढूंढते स्वयं भी उसी रास्ते पर चल रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण प्रबंधन, पर्यावरणीय जागरुकता, पर्यावरण शिक्षा में व्यापक चेतना लाने में मीडिया भी उल्लेखनीय भूमिका निभा आ रहा है ।
सरंक्षक दिनेश रावत और राधेकृष्ण उनियाल ने कहा कि पर्यावरणीय नीतियों के निर्धारण और नियोजन में जनसामान्य की सहभागिता तभी प्रभावी हो सकती है जब उन्हें पर्यावरणीय मुद्दों की पर्याप्त सूचना एवं जानकारी समय-समय पर दी जाए । मीडिया से अपेक्षा की जाती है कि वे वैश्विक, क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होने वाली पर्यावरणीय घटनाओं, समाचारों और सूचनाओं को जनसामान्य तक इस ढंग से पहुंचाए कि वे तथ्यों का सही विश्लेषण कर अपनी राय बना सकें ।
संघ के महामन्त्री विजय पाल रावत ने कहा कि मीडिया का लक्ष्य पर्यावरणीय समस्याओं के निराकरण के उद्देश्य से काम करना रहा है। एस यू डब्ल्यू जे के अध्यक्ष तिलक चन्द रमोला ने कहा कि पर्यावरण को लेकर व्यक्ति को समझ, विवेक, व्यावहारिक-ज्ञान, कौशल प्रदान करना होना चाहिए । व्यक्ति, समाज, देश एवं राष्ट्र में पर्यावरण के प्रति न केवल जागरुकता, चेतना एवं रुचि जागृत करना होना चाहिए बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित करना भी होना चाहिए ।
इस माध्यम के द्वारा पर्यावरणीय सूचना प्रसारण, पर्यावरण संरक्षण हेतु अनुकूल वातावरण का निर्माण, पर्यावरणीय समाचारों, कार्यक्रमों, लेखों, फीचरों, साक्षात्कारों का प्रकाशन जनमत निर्माण करने में सहायक सिध्द होती हैं। पोस्टरों और चित्रों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, हमारा पर्यावरण, पर्यावरण बचाओ, पर्यावरण के प्रति प्रेम, पेड़ लगाओ, पर्यावरण और प्रदूषण आदि से संबंधित संक्षिप्त किन्तु प्रभावशाली संदेशों को जनसामान्य के मध्य सम्प्रेषित किया जा सकता है ।
इस अवसर पर रवाई घाटी पत्रकार संघ के अध्यक्ष सुनील थपलियाल दिनेश रावत ,राधा कृष्ण उनियाल, ओकार बहुगुणा, , बलदेव भंडारी, वीरेंद्र चौहान ,जयप्रकाश बहुगुणा, तिलक रमोला, विजयपाल रावत ,विनोद रावत, अनिल रावत, भगवती रतूड़ी, नितिन चौहान, सोवन असवाल, उपेंद्र असवाल, मदन पैन्यूली, अरबिंद थपलियाल, संदीप चौहान ,सचिन नौटियाल, हरीश चौहान आदि पत्रकार मौजूद रहे ।