नारी होना कहां होता है इतना आसान त्याग करना पड़ता है कभी-कभी आत्मसम्मान,,
*नारी होना कहां होता है इतना आसान त्याग करना पड़ता है कभी-कभी आत्मसम्मान,,*
हरिद्वार आज जैसे ही टीम ब्लड रिलेशन हरिद्वार के पास एक बी पॉजिटिव प्लेटलेट्स का आपातकालीन कैस आया तब टीम के रेगुलर डोनर श्री हिमांशु गुलशन अरोड़ा जी की धर्मपत्नी जिन्होंने आज नारी शक्ति को हरिद्वार की धरती पर एक अलग ही रूप में प्रदर्शित किया है उनके द्वारा प्लेटलेट्स का डोनेशन किया गया जो कि हर एक नारी के द्वारा नहीं किया जा सकता।इस डोनेशन की खासियत यह है कि इसमें दाता की नसों का मिलना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है किंतु मोना हिमांशु अरोड़ा जी द्वारा जब अपनी नसों का चेकअप कराया गया तो उनको बताया गया कि वह प्लेटलेट्स का डोनेशन करने के लिए बिल्कुल तैयार है। मोना हिमांशु अरोडा जी ने जरा सी भी देर ना करते हुए अपने नजदीकी मां गंगे ब्लड बैंक में जाकर स्वेच्छा से उस इमरजेंसी केस में प्लेटलेट्स का दान किया। मैं बताना चाहता हूं उस समाज को जो यह कहता है कि नारीशक्ति की वह काबिलियत नहीं कि वह पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल सके किंतु मोना हिमांशु अरोडा जी ने यह कथन बिल्कुल असत्य कर दिया है। मैं ऐसी नारी शक्ति को बार-बार नमन करता हूं और आशा करता हूं कि श्रीमती मोना अरोड़ा को देखते हुए सभी नारी शक्ति को रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए। पूरी टीम ब्लड रिलेशन हरिद्वार एवं पूरे हरिद्वार जिले की नारी शक्ति द्वारा मोना अरोड़ा जी को सैल्यूट किया जाता है और उनके किए गए इस कार्य को प्रोत्साहित किया जाता है।।