आग का घूंट पीती हूं, पीती हूं और फिर से पीती हूं, मैं नशे में हूं : कमला सुरैय्या
पटना, नाट्य मंचन वो विधा है, जिसमे आप समाज की सच्चाई को लोगों के सामने बेहद निष्पक्षता से रख सकते हैं और जब इसका सौजन्य संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया हो तो काम में और मज़बूती आ जाती है।संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से पटना की नाट्य संस्था,राग पटना की प्रस्तुति “कमला सुरैय्या” का मंचन हाउस ऑफ़ वेराइटी ऑडिटोरियम में किया गया।
इस नाटक की प्रस्तुति पांच दिनों तक चलेगी ।प्रेक्षागृह में बैठे दर्शक बहुत ही गंभीरता से इस नाटक को अपना रहे थे। ये नाटक कमला दास की ऑटोबायोग्राफी “माय स्टोरी” पर केन्द्रित है, जिसका निर्देशन रणधीर कुमार ने किया है। कमला सुरैया कमला दास की आत्मकथा “माई स्टोरी” पर आधारित है।
यह नाटक मुख्य-पात्र की आत्म-खोज और प्रामाणिकता की खोज के माध्यम से प्रेम, हानि और मुक्ति की यात्रा की पड़ताल करता है। कमला की कहानी रिश्तों, सामाजिक अपेक्षाओं और व्यक्तिगत पहचान की जटिलताओं को शामिल करती है, जो अंततः सामाजिक बाधाओं से मुक्ति और उसके सच्चे आत्म को अपनाने की ओर ले जाती है।
कमला दास के उल्लेखनीय जीवन का अन्वेषण करें तो,औपनिवेशिक कलकत्ता में भेदभाव का सामना करने से लेकर अपनी कामुकता को अपनाने और एक लेखक के रूप में अपना रास्ता बनाने तक, कमला की यात्रा लचीलापन, आत्म-खोज और व्यक्तिगत सच्चाई की निरंतर खोज का एक प्रमाण है।
मंच पर अभिनेत्री स्निग्धा मंडल अपने एकल अभिनय से गहरा प्रभाव छोड़ रही थी। प्रस्तुति आलेख– विशाला आर महाले,कविता अनुवाद एवं पोस्टर-कृष्ण समिधा,परिदृश्य – रणधीर कुमार,नृत्य संरचना और वस्त्र विन्यास– प्रियांशी,ध्वनि – राहुल राज,प्रकाश – राहुल रवि,विशेष सहयोगी – अंजलि शर्मा, आदिल रशीद, भूपेन्द्र कुमार एवं राजीव कुमार, सेट निर्माण – सुनील कुमार शर्मा,सेट निर्माण सहायता – विनय कुमार,विशेष धन्यवाद – विनीत कुमार, सुमन सिन्हा, पंकज कुमार एवं संजय कुमार,प्रस्तुति प्रबंधक– सुनील कुमार राम,मंच प्रबंधक- सरबिन्द कुमार,सह-निदेशक – कृष्णा समिधा,निर्देशक – रणधीर कुमार हैं।