
संवादाता : विनय उनियाल,
देहरादून : जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में आज जनपद के नगर निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सैनिटरी लैंडफिल साइट (एसएलएफ) और मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) के कार्यों की समीक्षा की। जिला गंगा संरक्षण समिति के अंतर्गत नदियों में कूड़ा व अपशिष्ट जल के प्रवाह को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने पर विशेष जोर दिया गया। बैठक में नगर क्षेत्रों में एसएलएफ साइट और एमआरएफ साईट की स्थित भूमि की उपलब्धता, कार्यशीलता, कूड़ा संग्रहण, पृथक्करण एवं अंतिम निस्तारण की समीक्षा भी की।
बैठक में नगर पालिका गोपेश्वर के ईओ की ओर से एसएलएफ एवं कूड़ा प्रबंधन को लेकर जानकारी प्रस्तुत न किए जाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई हेतु सचिव शहरी विकास को संस्तुति भेजने के निर्देश दिए। साथ ही अधिशाषी अधिकारी कर्णप्रयाग से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु हो रहे कार्य के प्रस्ताव को तीन प्रतियों में शीघ्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए। उन्होंने समय से प्रस्ताव प्रस्तुत न करने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई अमल में लाने की बात कही। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी गैरसैण को एमआरएफ सेंटर का निरीक्षण कर कार्य प्रगति की जाँच करने के आदेश दिए। साथ ही नगर निकायों द्वारा एसएलएफ एवं एमआरएफ सेंटरों के लिए ली आवंटित राजस्व भूमि का उपयोग निर्धारित उद्देश्य के लिए न किए जाने की स्थिति में संबंधित उपजिलाधिकारियों को तत्काल जांच कर भूमि वापस लेने की कार्रवाई करने के आदेश दिए। उन्होंने नगरों में ठोस एवं गीले कूड़े का वैज्ञानिक निस्तारण अनिवार्य रूप से करने व नदियों की स्वच्छता के लिए निकायों की जवाबदेही तय करने की बात कही।
जिलाधिकारी ने सभी निकायों को निर्देशित किया कि गंगा नदी के संरक्षण, नगरों की स्वच्छता एवं पर्यावरणीय संतुलन हेतु नियमित निरीक्षण और आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि भविष्य में लापरवाही या उदासीनता पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।