गूगल की नई नीति के तहत स्कूलों के Google Business Profile Reviews हटाने की प्रक्रिया जारी: जल्द ही सभी रिव्यूज हटेंगे, जानें पूरा अपडेट

गूगल ने हाल ही में अपने व्यवसायिक प्लेटफॉर्म Google My Business से K-12 स्कूलों की सभी समीक्षा (Reviews) और रेटिंग (Ratings) हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसका उद्देश्य स्कूलों से जुड़ी जानकारी को और अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित बनाना है। इस नई नीति के तहत, स्कूलों के गूगल बिजनेस प्रोफाइल पर मौजूद हजारों समीक्षाएं और उनके आधार पर दी गई रेटिंग्स अब धीरे-धीरे गायब हो रही हैं। फिलहाल कुछ स्कूलों की प्रोफाइल पर समीक्षा दिख रही हैं, लेकिन अगले कुछ दिनों में ये भी पूरी तरह से हट जाएंगी।
यह बदलाव दुनिया भर के स्कूलों के लिए लागू किया जा रहा है ताकि गलत और भ्रामक समीक्षाओं को कम किया जा सके, जो अक्सर स्कूलों की वास्तविक छवि को प्रभावित करती हैं। इसके परिणामस्वरूप, गूगल अब स्कूलों के लिए नए रिव्यू को स्वीकार नहीं करेगा।
गूगल के इस कदम का उद्देश्य स्कूलों को प्रोत्साहित करना है कि वे अपनी योग्यता, उपलब्धियां, और छात्र जीवन की जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइटों और सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से ही प्रस्तुत करें। इससे अभिभावक और छात्र अधिक प्रमाणित और सटीक जानकारी तक पहुंच सकेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह नीति स्कूलों के लिए कुछ हद तक चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि वे अपने ऑनलाइन प्रतिष्ठान को बनाए रखने के लिए नए तरीके अपनाना होगा। वहीं, अभिभावकों के लिए यह बदलाव बेहतर निर्णय लेने में मददगार साबित हो सकता है, क्योंकि वे गूगल पर मिली विहित और विश्वसनीय जानकारियों के बदले स्कूल की आधिकारिक संसाधनों पर भरोसा करेंगे।
इस नई नीति के बारे में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि यह प्रक्रिया अभी चल रही है, इसलिए फिलहाल कुछ स्कूलों के गूगल प्रोफाइल पर समीक्षाएं मौजूद हैं, लेकिन जल्द ही वे भी हटा दी जाएंगी। सभी स्कूलों और अभिभावकों को यह समझना होगा कि भविष्य में उनकी जानकारी का मुख्य स्रोत स्कूल की वेबसाइट और सोशल मीडिया पेज होंगे।
अंत में, विशेषज्ञों ने स्कूलों से अपील की है कि वे इस बदलाव के अनुरूप अपनी डिजिटल उपस्थिति को सुदृढ़ करें और गुणवत्तापूर्ण सामग्री साझा करें, जिससे अभिभावकों और छात्रों को वास्तविक और भरोसेमंद सूचना मिले। इसके अलावा, अभिभावक भी भविष्य में स्कूल चुनते समय आधिकारिक वेबसाइट और विश्वसनीय स्रोतों पर अधिक ध्यान दें।
यह नीति शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसका प्रभाव आने वाले वर्षों में साफ नजर आएगा।


