देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक खबर को झूठ करार देते हुए कहा है कि ऐसा समाचार किसी भी समाचार पत्र में प्रकाशित नहीं हुआ, यदि कोई व्यक्ति इस तरीके के समाचार पत्र की 10 प्रतियां, जिसमें संपादक, मुद्रक, वितरक और समाचार पत्र संवाददाता का नाम सहित मुझे उपलब्ध करा देता है तो मैं ₹50,000 उस व्यक्ति को देने को तैयार हूं।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पोस्ट में इस इनाम की घोषणा करते हुए कहा कि अभी परसो मैंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि यूनिवर्सिटी पर बोले गए झूठ के प्रकरण को हमारे तर्कपूर्ण खंडन के बाद समाप्त मान लिया जाए। हमने इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र साइबर क्राइम देहरादून में एफआईआर दर्ज करने के लिए दिया है।
उन्होंने लिखा है, एक सोशल मीडिया पेज में जिस समाचार पत्र के आधार पर झूठ को फैलाया गया है, वो कहीं से भी प्रचारित-प्रकाशित नहीं है। वह कहां से मुद्रित है, इसको खोजना तो असंभव है। इस समाचार पत्र का कोई नाम भी नहीं है। किसी एजेंसी को उद्धृत नहीं किया गया है। इस झूठे समाचार को गढ़ने व प्रचारित करने के लिए सोशल मीडिया में षड्यंत्रकारी कूट रचा गया है।