उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता पर गठित समिति ने राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में एक वेब पोर्टल की शुरूआत की है। जिसके जरिए एक क्लिक में एक करोड़ लोगों को संदेश भेजकर समान नागरिक कानून के ड्राफ्ट पर उनके सुझाव मांगे गए हैं।तो राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि.) ने वेब पोर्टल की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि समिति की ओर से दो उप समितियां गठित की गई हैं।
बता दे की समितियां प्रदेशवासियों पर लागू मौजूदा कानून का अध्ययन कर रही हैं। वो इस बात पर विचार कर रही हैं कि मौजूदा कानून में संशोधन हो या नए कानून का मसौदा तैयार किया जाए।और बताया कि समिति विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार विरासत, गोद लेने और रख रखाव व संरक्षिता जैसे विषयों पर अध्ययन कर भविष्य की व्यवस्था के संबंध में एक रिपोर्ट तैयार करेगी।
तो जिसके तहत उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता को क्रियान्वित करने का विषय भी शामिल होगा। जस्टिस देसाई ने बताया कि समिति इस बात को जानती है कि जिस विषय पर उसकी ओर से काम किया जा रहा, वह उत्तराखंड के सभी नागरिकों को प्रभावित करने वाला है। तो समिति की अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के समुदायों की पुरातन परंपराओं एवं रीति-रिवाजों का संज्ञान लेते हुए इस पर गंभीरता से विचार करेगी।तो इसका एक बहुत महत्वपूर्ण आयाम व्यक्तिगत नागरिक मामलों में महिलाओं को समान अधिकार देना है।
जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि.) की अध्यक्षता में गठित समिति में जस्टिस प्रमोद कोहली (सेनि.), पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल, सचिव अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा सदस्य के रूप में शामिल हैं।
वेब पोर्टल (www.uce.uk.gov.in), ई मेल (official uec@uk.gov.in) एवं डाक से विशेषज्ञ समिति, समान नागरिक संहिता राज्य अतिथि गृह (एनेक्सी) राज भवन के निकट, देहरादून- 248001 के पते पर सीधे सुझाव भेजे जा सकते हैं।