राज्य मे नई राजस्व संहिता लागू होगी। तो राजस्व परिषद ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर शासन को सौंप है। तो अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित विधि समिति की बैठक में इस पर विचार किया जाएगा। और बाद मे इसे कैबिनेट को भेज दिया जाएगा। तो राज्य में वर्तमान में उत्तराखंड 1950 से भू राजस्व अधिनियम लागू हैं। इसके अलावा कुछ अन्य अधिनियम भी प्रचलन में हैं। तो यह सभी अधिनियम उत्तर प्रदेश से लिए गए थे।
और अब राज्य की परिस्थितियों के हिसाब से नया एक्ट बनाए जाने की आवश्यकता महसूस की जाने पर इसे लाया गया और इस पर पिछले दो साल से काम चल रहा था। राजस्व परिषद की ओर से पूरा ड्राफ्ट तैयार कर शासन को सौंप दिया गया है। जिस पर विधि समिति की ओर से निर्णय लिया जाएगा।
तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली विधि समिति की बैठक में प्रमुख सचिव न्याय एवं विधि, सदस्य राजस्व परिषद, सचिव राजस्व विभाग, सचिव वित्त, महाधिवक्ता उत्तराखंड शासन, आयुक्त गढ़वाल एवं कुमाऊं, नामित सदस्य अरुण कुमार सक्सेना और सुबोध कुमार शर्मा मौजूद रहेंगे।
तो समिति की ओर से ड्राफ्ट पर विचार करने के बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट से पास होने के बाद यह विधानसभा में जाएगा। जहां से पास होने के बाद यह कानून की शक्ल ले लेगा।