उत्तराखंड में पंजीकृत करीब सवा तीन लाख वाहनों के प्रदूषण प्रमाणपत्र जांच के घेरे में
उत्तराखंड में पंजीकृत करीब सवा तीन लाख वाहनों के प्रदूषण प्रमाणपत्र जांच के घेरे में आ गए हैं। इनकी जांच के लिए परिवहन मुख्यालय ने एनआईसी को पत्र भेजा है।
प्रदेश में करीब 29 लाख वाहन पंजीकृत हैं। यूरो-3 वाहनों के लिए साल में दो बार और बीएस-4 या इससे ऊपर के वाहनों के लिए साल में एक बार प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र बनवाना जरूरी है।
बता दें कि परिवहन मुख्यालय की प्राथमिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि 16 लाख वाहनों के प्रदूषण प्रमाणपत्र एक्सपायर हो चुके हैं। तो वहीं, 13 लाख वाहन ऐसे हैं, जिनके प्रदूषण प्रमाणपत्र वैध हैं।
परिवहन मुख्यालय ने जब वाहन पोर्टल से इन 13 लाख प्रमाणपत्रों की जांच की तो पता चला कि इनमें से 7.50 लाख प्रमाण पत्र तो उत्तराखंड के करीब 300 प्रदूषण जांच केंद्रों से जारी हुए हैं। और 2.25 लाख वाहनों के प्रमाणपत्र यूपी व अन्य राज्यों से जारी हुए हैं।परिवहन मुख्यालय ने प्रमाणपत्रों का जारी होना और उनकी लोकेशन ट्रेस न होना, गंभीर मामला है। इसकी जांच के लिए एनआईसी को पत्र भेजा है।